एमपी / स्पीकर ने 22 विधायकों को जारी किया नोटिस; शुक्रवार को छह, शनिवार को सात और बाकी विधायकों को रविवार को बुलाया

प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने गुरुवार को इस्तीफा देने वाले विधायकों को नोटिस जारी कर उन्हें 2 दिन में उपस्थित होने को कहा है। नोटिस में कहा गया है- विधायकों को स्वयं अध्यक्ष के सामने उपस्थित होना होगा। हम यह जानना चाहते हैं कि विधायकों ने स्वयं इस्तीफा दिया है या किसी के दबाव में आकर दिया है। विधानसभा स्पीकर ने छह विधायकों को शुक्रवार, 7 विधायकों को शनिवार और बाकी बचे 9 विधायकों रविवार को उपस्थित होने को कहा है। 


वहीं, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और विधायक बिसाहूलाल सिंह, ऐंदल सिंह कंषाना और मनोज चौधरी के इस्तीफे सौंपे। भूपेंद्र सिंह ने स्पीकर से विधायकों का इस्तीफा मंजूर करने का अनुरोध किया है। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा- राज्य की कमलनाथ सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन जब तक विधायकों के इस्तीफों पर फैसला नहीं होगा, फ्लोर टेस्ट कैसे होगा।


प्रजापति बोले- काल्पनिक सवाल मत पूछिए


पत्रकारों ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से पूछा- सरकार अल्पमत में है, ऐसे में अभिभाषण नहीं कराया जा सकता है और फ्लोर टेस्ट कराना होगा। इस पर प्रजापति ने कहा- काल्पनिक सवाल मत पूछिए। उन्होंने कहा- "मैंने बुधवार को 6 और आज 13 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है। नियम प्रक्रियाओं के तहत अध्यक्ष बंधा हुआ है, उन नियमों में जो होता है वह मैं कर रहा हूं।"


कमलनाथ सरकार ने बहुमत खो दिया है: शिवराज
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- राज्य की कमलनाथ सरकार ने बहुमत खो दिया है। भोपाल में पत्रकारों से चर्चा में शिवराज ने कहा कि "मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि भाजपा का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। लेकिन, सच्चाई यह है कि सरकार ने बहुमत खो दिया है। ऐसी सरकार कैसे विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण करवा सकती है और कैसे सत्र बुला सकती है?"


विधायकों को सामने आकर इस्तीफा देना होगा: तन्खा


कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा- भाजपा ने विधायकों को बंधक बना रखा है, नियमों के मुताबिक विधायकों को सामने आकर इस्तीफा देना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हमें विधायकों को छुड़ाने के लिए अदालत जाना पड़ सकता है। इस देश में किसी को बंधक बनाकर नहीं रखा जा सकता। इस दौरान बेंगलुरु के रिसॉर्ट में मौजूद विधायकों का ब्रेकफास्ट करते फोटो वायरल हो रहा है।


8-10 दिन में होगा राज्य में परिवर्तन: नरोत्तम
भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों से कहा- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को सड़क पर उतरने के लिए कहा। जैसे ही सिंधिया सड़क पर आए, तो सरकार ही सड़क पर आ गई। उन्होंने कहा कि सिंधिया ने सदैव आम आदमी की आवाज उठाई। उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए ही कांग्रेस सरकार की नीतियों की आलोचना है। नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया है कि 8-10 दिन में राज्य में परिवर्तन होगा। प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थति पैदा हो गई है। राज्यपाल सदन में सरकार का अभिभाषण पढ़ते हैं। लेकिन सरकार अल्पमत में है। तो किसका भाषण पढ़ेंगे। राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष के पास 22 विधायकों के इस्तीफे पहुंच चुके हैं। हम राज्यपाल और अध्यक्ष से निवेदन करेंगे की पहले फ्लोर टेस्ट हो फिर राज्यपाल का अभिभाषण।


बजट पुस्तकाएं छपनी शुरू 
16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। वित्तमंत्री 18 मार्च को 2020-21 का बजट पेश करेंगे। कैबिनेट बजट अनुमान को मंजूरी दे चुकी है। इसके मद्देनजर वित्त विभाग ने बजट पुस्तिकाएं छपवाना शुरू कर दिया है। प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के चलते विपक्ष दावा कर रहा है कि सरकार अल्पमत में है। पार्टी की रणनीति बजट सत्र की शुरुआत में ही फ्लोर टेस्ट कराने की है। यदि ऐसा होता है तो बजट खटाई में पड़ सकता है। उस स्थिति में एक अप्रैल 2020 से जरूरी खर्चों के लिए लेखानुदान लाया जाएगा। नए वित्तीय वर्ष एक अप्रैल से जरूरी खर्च के लिए सरकार को विधानसभा से बजट पारित कराना होगा। राज्यपाल का अनुमोदन मिलने के बाद वित्त विभाग बजट आवंटन देगा। मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।



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